फलों को अपने आहार का हिस्सा बनाना कितना ज़रूरी है ये हम जानते है।
आमतौर पर जब हम फलों के बारे में बात करते हैं – पहला शब्द जो फलों से जुड़ा होता है, वह है “स्वस्थ” और “आहार”। डॉक्टर, माता, चिकित्सक, डायटिशियन, आदि हर कोई उन पोषक तत्वों के बारे में बात करतें है जो फल हमारे शरीर को प्रदान करते हैं। फल सबसे आसान भोजन है जिसे मानव शरीर सबसे आसानी और तेज़ी से हज़म कर सकता है।
केले, तरबूज़ और आम जैसे फल सहित सभी प्रकार के फलों को हज़म होने में अधिकतम 45 मिनट लगते हैं। इसलिए मैं हमारे जीवन में फलों के महत्व के बारे में प्रचार करने नहीं जा रही हूँ। मैं कुछ महत्वपूर्ण और प्राथमिक बातों पर आप सबका ध्यान लाना चाहती हूँ कि फलों का आहार में सही तरीक़े से कैसे उपयोग किया जाए।
1.हमें फलों को छीलने के तुरंत बाद खा लेना चाहिए
फलों को काटकर लंबे समय तक नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से वे अपना पोषण मूल्य खो देते हैं। यदि आप संतरे छीलके रखते हैं – तो नारंगी की बाहरी त्वचा कठोर हो जाती है। यदि आप केले या सेब को लंबे समय तक काटके रखते हैं तो वे भूरे रंग के हो जाते हैं। जिस पल रंग बदलता है हम सभी को इसके पोषण मूल्य को खोने का पता होना चाहिए। मेरे कुछ पेशेंट्स अक्सर एसिडिटी की शिकायत करते है अगर वे लंबे समय के बाद तरबूज़ और आम काटके रखते है और खाते हैं।
2. जहाँ पर भी संभव हो फ़ल को उसके छिलके के साथ खाएं
सेब, केला, आम, नाशपाती, आड़ू (peach), खुबानी (apricot), आदि जैसे फल जिनके पतले छिलके होते है, उन्हें उनके छिलके के साथ या जहाँ भी संभव हो बीज के साथ खाना चाहिए। उपर्युक्त फलों के छिलके में अच्छे पोषक तत्व है।
3. फलों का रस के रूप में सेवन करने के बजाय उन्हें खाना बेहतर होता है
फलों का जब रस बनाया जाता है तब फलों के पोषक तत्वों में से कुछ हिस्सा खो जाता है। फलों में से सर्वोत्तम पोषण प्राप्त करने के लिए – डिब्बाबंद और पैक्ड जूस कभी भी उचित नहीं होते हैं। यह माता-पिता को मेरा सुझाव है कि वे बच्चों को बाजार में उपलब्ध डिब्बाबंद / पैक्ड जूस न दें। और फ्रेश फ़ल और सब्ज़ियाँ अपने परिवार को खिलाए।
4. हर ऋतु में मिलने वाले विभिन्न फलों को अपने आहार में शामिल करें
गर्मियों के मौसम में आम, कलिंगड़ , ख़रबूज़ा और तरबूज खाएं। मैं गर्मी के मौसम में वजन कम करने के लिए तरबूज़ खाने की सलाह देती हु । यह एक मिथक है कि आम या तरबूज खाने से वजन बढ़ता हैं। फलों को पचने में सबसे आसान होते है (पचने में 45 मिनट लगते हैं) और वे विटामिन और फाइबर का शुद्ध स्रोत हैं। इसलिए अपनी जीवनशैली में फल का चयन करने में संकोच न करें।
5. फल खाएं न कि इसका गूदा (pulp), डिब्बाबंद जूस या पाउडर
मैं हमेशा सूखे आंवला या आंवला पाउडर खाने की तुलना में कच्चा आंवला खाना पसंद करती हु। एक ताज़ा फल शरीर को उसके सूखे रूप की तुलना में अधिक लाभ देता है। ताज़ा खजूर, खुबानी, चेरी, ब्लू बेरी आदि का सेवन करें, यदि यह मौसम में या आपके देश में उपलब्ध नहीं है – तो इसे न खाएं।
6. एक समय में एक ही फल खाएं
हमें “फ्रुट बोल” यानि विभिन्न फलों को काटके , मिलाकर खाने की आदत हैं। एक फल से पोषण प्राप्त करने के लिए – हमें एक समय में एक फल खाने की जरूरत है। इसे पचने दें फिर 45 मिनट के बाद दूसरा फल खाएं।
फल खाने की आदत विकसित करना बेहद फायदेमंद आदत है। बाज़ार में मिलने वाले डिब्बाबंद जूस की तुलना में एक फल सस्ता पड़ता है। एक ताजा फल सूखे मेवों की तुलना में सस्ता होता है और इसमें अधिक पोषक तत्व होते है। एक ताज़ा मौसमी फल आयातित, एक्सपोर्ट किये गए फलों से सस्ता होता है। एक ताज़ा फल कॉस्मेटिक्स की तुलना में सस्ता है। एक ताज़ा फल एक बढ़िया रेस्तरां के भोजन की तुलना में सस्ता है।
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